मुस्लिम छात्रा ने संस्कृत में जीते 05 मेडल।

हमारा देश सच में कई बार हैरान करता है। जितना अदभुत इस देश की विविधता है, उतने अदभुत यहां के लोग। जहां एक तरफ धर्मों में बहस करने वाले लोग भी हैं, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो धर्म का भेद मिटाते हैं।
यहां बेशक धर्मों पर बहस होती है, पर यही धर्म है, जो इस अखंड देश को बांधे हुए है।

एक छात्रा जिसने यह साबित कर दिया है। कि भाषा किसी धर्म विशेष के लिए नहीं है, बल्कि भाषा ज्ञान को विस्तृत करने का एक माध्यम है।

कौन हैं गजाला?


गजाला लखनउ विश्वविद्याल में M.A. Final की छात्रा हैं। इस साल गजाला ने सर्वश्रेष्ठ छात्रा सम्मान के साथ- साथ 05 मेडल संस्कृत विषय में M.A. पूरी की। अक्सर लोग उन्हें संस्कृत के श्लोकों और स्पष्ट उच्चारण को सुन दंग रह जाते हैं, और यही पूछते हैं, कि आखिर तुम मुस्लिम होकर इतनी अच्छी संस्कृत कैसे बोल लेती हो? संस्कृत के अलावा गजाला उर्दू, अरबी, फ़ारसी, और इंग्लिश में भी पारंगत हैं।

क्या परिवार वालों ने नहीं रोका?

गजला कहती हैं- मुझे कभी मेरे परिवार वालों ने संस्कृत पढ़ने के लिए मना नहीं किया, इसके विपरीत उन्होंने मेरा समर्थन किया। 

शुरुवाती संघर्ष

गजाला कहती हैं, कि बचपन से ही संघर्ष से बड़ा गहरा रिश्ता रहा, घर में सिर्फ मेरे पिता के काम से खर्च चलाना बहुत मुश्किल था। जब ये 5 साल की थी, तब उनके पिता का निधन हो गया, ऐसी परिस्थिति में शिक्षा जारी रखना उनके और उनके परिवार के लिए मुश्किल था। 

उनके दोनों भाइयों 10 और 13 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ गैरेज में काम करने लगे, पर उन्होंने अपनी छोटी बहन की पढ़ाई नहीं छुटने दी। उनकी मां उस समय घर की देखरेख करती और बड़ी बहन दुकान में काम करती।

इस प्रकार परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और गजाला ने भी अपनी पूरी निष्ठा पढ़ाई में दिखाई।

शुरुवाती शिक्षा

गजाला की प्रारंभिक और मूलभूत शिक्षा निशांत गंज के सहकारी प्राथमिक विद्यालय से हुई। 5 वीं से ही इनकी रुचि संस्कृत में थी, उन्हें संस्कृत के शब्द रचना, वाक्य रचना बहुत सरल और प्रभावशाली लगते थे। 

स्नातक

सुविधाओं के अभाव में भी उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी, और स्कूल के पश्चात लखनउ विश्वविद्यालय में एडमिशन ले लिया वहां से स्नातक की उपाधि ग्रहण किया। इन्होंने एम.ए. में एडमिशन लिया, जिसमे उन्होंने संस्कृत से 5 मेडल हांसिल किए।


Durgesh singh

I am free time containt writer, and editor.

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