क्या Artificial Intelligence इंसानियत के लिए ख़तरा हैं ?
byDurgesh singh-
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"जिस प्रकार प्रत्येक टेक्नोलॉजी के विकास को स्तरो में विभाजित किया जाता है, इस आधार पर उनके विकास को समझा जाता है।
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बेशक technology पुराने रोजगार की संभावनाएं कम कर रहे हैं, पर नए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां मशीनें इंसानी क्षमताओं को रिप्लेस कर रही है।
कई अधिक जनसंख्या वाले देशों में बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है, ऐसे में दिमाग में यह सवाल उठना लाजमी है, कि क्या कभी ऐसा दिन भी आयेगा जब मशीनें इंसान के वजूद के लिए ख़तरा बन जाएंगे।
कुछ एक्सपर्ट्स ने इस संबंध में कई विचार प्रस्तुत किए , जिसके आधार पर इसे कई भागों में विभाजित करके समझा जा सकता है।
Reactive Machines: यह एआई टेक्नोलॉजी का वर्तमान समय है। इस की मशीनें AI के बुनियादी सिद्धांतों का पालन करती हैं। यह मशीनें सीमित मात्रा में कर्तव्यों या परिणाम देने के लिए प्रयुक्त की जाती है। यह मशीन अत्यधिक सटीक और सक्षम ढंग से परिणाम देते हैं। ऐसे कार्य जो बार बार दोहराए जाते हैं, उसके लिए इस प्रकार की मशीनें उपयोग में लाई जाती है।
Limited Mamory - इसमें किसी कार्य के पिछले डाटा और भविष्य की गणनाओं को संग्रहित करने और इनके आधार पर परिणाम निकालने के लिए प्रोग्राम किया गया होता है। यह मशीनें रिएक्टिव मशीनों की तुलना में अधिक जटिल और अधिक संभावनाएं प्रस्तुत करते हैं।
Theory Of Mind: यह AI टेक्नोलॉजी का वह समय होगी जब मशीनें भी महसूस कर सकेंगे, यह अभी संभव नहीं हुई है। पर इसकी पर्याप्त संभावनाएं हैं कि यह भविष्य में यह हो। इसमें भविष्य की ऐसी मशीनें आयेंगी जो किसी इंसान कि भावनाओं को एक एक इंसान की तरह ही समझ सकेंगे। इस समय तक मशीनें हमारे जीवन शैली में बहुत हद तक तक शामिल हो जाएगी।
Self Awarness : यह एआई का वह स्टेज है, जब मशीनें इंसान की भावनाओं से बढ़कर, इंसान जैसी चेतनाएं भी होंगी। इसके अलावा यह मशीनें हर काम इंसान से बेहतर कर पाने में सक्षम होंगे, और परिस्थिति के हिसाब से ये अपने लिए अच्छे और बारे कि पहचान करने के भी काबिल होंगे।