विदेश में करोड़ों की नौकरी छोड़, जानवरों का rescu क्यों कर रहा एक hacker

किसी ने क्या ख़ूब कहा है, कि पैसा भगवान नहीं है, पर भगवान कसम पैसे से कम भी नहीं है। आज हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, जहां हम पैसे के बिना अपने अस्तित्व कि कल्पना भी नहीं कर सकते। वहीं कई ऐसे लोगों के बारे में पता चलता है, जो इन सब से ऊपर उठ चुके हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं, रॉबिन
रॉबिन एक समाज सेवी,animal rescuer, farmer और बिजनेस मैन हैं। यह उत्तराखंड में स्थित peeple Farm नामक एक फार्म के founder और CEO हैं। अब पीपल फार्म इनकी कंपनी बन चुकी है, जो पूरी तरह ecofraindly और अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करते हैं। इनके दुग्ध उत्पाद में किसी भी गाय ,बकरी या अन्य किसी जानवर का इस्तेमाल नहीं होता। इसके साथ ही यह स्थानीय लोगों को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। यह फार्म लावारिस और हिंसा का शिकार हुए जानवरों की मदद करता है, तथा रेस्क्यू करता है।  पर हमेशा से इनकी जिंदगी ऐसी नहीं थी।  

शुरुआती जीवन

रॉबिन का बचपन गरीबी में बीता इनके पिता जी खेती का काम किया करते थे, उन दिनों पैसे की कमी के कारण घर में कलेश रहता था। पर खुशकिस्मती से उनके घर में एक कंप्यूटर था, क्योंकि उनके पिता उन्हें पढ़ाने पर बहुत ज़ोर दिया करते थे। धीरे धीरे रॉबिन का computer में रुझान बढ़ने लगा, और देखते ही देखते उन्होंने कंप्यूटर अच्छी पकड़ बना ली। उनका स्कूली जीवन साधारण बीता। 

इसके बाद उन्होंने कॉलेज में Computer Science से ग्रेजुएशन किया। 

कैसे मिली hacker की नौकरी
रॉबिन के ग्रेजुएशन के दौरान वे अक्सर फ्रीलांसिंग किया करते थे, जिससे उन्हें अपना खर्चा चलने लायक आमदनी हो जाती थी। हमेशा की तरह रॉबिन अपने कंप्यूटर पर अपना काम कंप्लीट कर, projects ग्राहकों को भेज रहे थे, पर email में छोटी सी स्पेलिंग में गलती कि वजह से वह email मैक्सिको पहुंच गया। 

पर खुशकिस्मती से वह एक जानी मानी कंपनी में पहुंच गया, उन्होंने उसे चेक किया तो उन्हें रॉबिन का काम पसंद आया। कुछ समय बाद रॉबिन को इसकी खबर मिली, और उन्होंने रॉबिन को यह ऑफर दे दिया क्या आप हमसे मिलकर काम करना चाहेंगे, और जैसे तैसे पैसों का इंतजाम कर रॉबिन ने मौका लपका और निकल गए मैक्सिको ।

शुरुआती जीवन
रॉबिन एक animal रिस्क्यूर हैं, पर आपको कहीं से ऐसा नहीं लगेगा की इनका बिजनेस से दूर-दूर तक कोई लेना देना भी होगा। दरसअल इनके बिजनेस का तरीका बहुत अलग है। रॉबिन पीपल फार्म चलाते हैं, और ये इसके सीईओ और फाउंडर है। इनकी संस्था ज़ख्मी और कमजोर हो चुके जानवरों की मदद,और rescu करते हैं।

रॉबिन एक vegan हैं, क्योंकि ये मानते हैं, की हम इंसान इतने सक्षम हैं कि हमें जानवरों को मारकर खाने की ज़रूरत नहीं। हमें किसी भी जानवर को, अपने मुंह के स्वाद के लिए नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। अगर हम नॉनवेज का सेवन करते हैं, तो यह उन जीवों के प्रति हिंसा है, जो इंसान से कम शक्तिशाली है।

कैसे हुई शुरुवात Peeple farm की

रॉबिन कहते हैं, मैं खुश था । 1999 में मेरे पास वो सब कुछ था जो एक आम इंसान को ख़ुश रहने के लिए चाहिए, एक अच्छा घर, अच्छी नौकरी और अच्छा पैसा। पर ना जाने क्यों मुझे कभी अपने काम से संतुष्टि नहीं मिली, में अपने आप से बातें किया करता, और खुद को टटोलता कि मैंने अब तक किसी को क्या दिया है। 2010 तक मैं मानसिक तनाव से ग्रसित हो गया और मेरे मन मैं आत्महत्या के ख्याल आने लगे। पर मेरे करीबियों ने मुझे ऐसा करने से रोका।


कैसे आया ख्याल
2011 में रॉबिन  महाराष्ट्र आ गये और एक animal rescu center में वक्त बिताने लगे, यहां उन्होंने कई साल तक काम किया। उन्होंने यह गौर किया कि इस काम में उन्हें संतुष्टि मिली। उन्होंने यह निश्चय किया कि मैं एक फार्म खोलूंगा, उस समय उनके पास जितने भी पैसे थे, उससे इन्होंने एक फार्म की शुरुवात की, जिसका नाम है, पीपल फार्म। इस प्रकार से शुरुवात हुई पी

लोग कहते थे पागल
और आज इनके पास 400 से ज्यादा स्वयंसेवी और 100 से भी ज्यादा products बनाते हैं, जो पूरी तरह vegan होता है। 
Durgesh singh

I am free time containt writer, and editor.

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